प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का समापन हुए कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन के सामने चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर अपने अनुभव साझा कर लिए, लेकिन अब योगी सरकार के लिए कुंभ मेला क्षेत्र को खाली करवाना एक बड़ी जिम्मेदारी बन गया है। पूरे क्षेत्र को पूरी तरह साफ करने की डेडलाइन 20 मार्च तय की गई है, जिससे प्रशासन की चुनौतियां और बढ़ गई हैं।
मेला क्षेत्र में करीब 2 लाख टेंट और 1.5 लाख अस्थायी टॉयलेट्स को हटाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसके अलावा, 80 अस्थायी कुएं और 70,000 से ज्यादा LED लाइट्स को भी हटाया जाना है। प्रशासन के सामने संगम के जल को शुद्ध बनाए रखने की चुनौती भी है, क्योंकि हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने पानी की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं। यह सुनिश्चित करना कि संगम का जल स्वच्छ रहे, प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन गया है।
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद के मुताबिक, इस पूरी प्रक्रिया के कई चरण होंगे, जिनमें करीब 1000 करोड़ रुपये की इन्वेंट्री की समीक्षा भी शामिल है। प्रशासन ने 15 दिनों का लक्ष्य रखा है, जिसमें पूरे क्षेत्र को खाली करवाकर जीरो डिसचार्ज टेस्ट पास करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, सभी सामानों को नष्ट नहीं किया जाएगा, बल्कि कुछ चीजें भविष्य के आयोजनों, जैसे कि अगले साल होने वाले माघ मेले के लिए सुरक्षित रखी जाएंगी।